Online loan against mutual funds in hindi

म्यूचुअल फंड्स पर लोन: एलएएमएफ (LAMF) क्या है और इसके फायदे

आज के इस समय में निवेशकों के पास अनेक विकल्प होते हैं जिनसे वे अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा कर अपने क्रेडिट स्कोर cibil score जैसे company के हिसाब से तय होता है कि आप कितना लोन ले सकते हैं। इनमें से एक और विकल्प है म्यूचुअल फंड्स के बदले लोन लेना, जिसे LAMF (Loan Against Mutual Funds) कहते हैं। यह एक ऐसा वित्तीय उपकरण है, जिससे आप अपने म्यूचुअल फंड्स को बिना बेचने के उस पर लोन ले सकते हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि LAMF क्या है, इसके फायदे, प्रक्रिया और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

LAMF क्या है?

LAMF kya hai? यह एक प्रकार का लोन है जो आपको आपके म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स के बदले मिलता है। इसका मतलब यह है कि आप अपने म्यूचुअल फंड्स को गिरवी रख कर बैंक या वित्तीय संस्थान से लोन ले सकते हैं। इसमें आपकी म्यूचुअल फंड यूनिट्स को बैंक या संस्थान के पास गिरवी रखा जाता है, और जब आप लोन चुका देते हैं, तो ये यूनिट्स वापस आपको मिल जाती हैं।

LAMF के फायदे



1. म्यूचुअल फंड्स बेचना नहीं पड़ता: अगर आप किसी कारणवश म्यूचुअल फंड्स बेचने की जगह लोन लेना चाहते हैं, तो LAMF एक अच्छा विकल्प है। इससे आपके निवेश सुरक्षित रहते हैं, और बाजार के बढ़ने पर आपको भविष्य में अच्छे रिटर्न भी मिल सकते हैं।


2. कम ब्याज की दर: अन्य लोन जैसे पर्सनल लोन की तुलना में LAMF पर ब्याज दरें कम होती हैं, क्योंकि यह एक सिक्योर्ड लोन है।


3. तेजी से प्रोसेसिंग: म्यूचुअल फंड्स पर लोन प्राप्त करना अपेक्षाकृत तेज और सरल होता है। इसके लिए ज्यादा डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत नहीं होती और कई बार आप इसे ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं।


4. फ्लेक्सिबल पुनर्भुगतान: LAMF में आमतौर पर फ्लेक्सिबल पुनर्भुगतान विकल्प मिलते हैं, जिससे आप अपने सुविधा अनुसार लोन चुका सकते हैं।


5. कर लाभ: चूंकि यह एक सिक्योर्ड लोन है, कई मामलों में यह कर लाभ भी दे सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं।



LAMF प्राप्त करने की प्रक्रिया

1. बैंक या वित्तीय संस्थान से संपर्क करें: सबसे पहले, आप जिस बैंक या NBFC से लोन लेना चाहते हैं, उससे संपर्क करें।


2. अपनी म्यूचुअल फंड यूनिट्स का विवरण दें: बैंक को अपने म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स का विवरण देना होता है, ताकि वह उनकी कीमत का आकलन कर सके।


3. लोन की राशि और ब्याज दर तय करें: बैंक आपके म्यूचुअल फंड्स की मौजूदा बाजार मूल्य के आधार पर आपको लोन की राशि तय करेगा। ब्याज दर आपके क्रेडिट स्कोर, लोन की राशि और अवधि पर निर्भर करती है।


4. लोन की स्वीकृति: आपके द्वारा आवश्यक डॉक्यूमेंट्स और जानकारी प्रदान करने के बाद बैंक लोन अप्रूव कर देगा।


5. पुनर्भुगतान: तय की गई अवधि के अनुसार ब्याज और लोन की राशि को आप आसानी से चुका सकते हैं। लोन चुकाने के बाद आपकी म्यूचुअल फंड्स यूनिट्स आपको वापस मिल जाती हैं।



LAMF लेते समय ध्यान देने योग्य बातें

1. ब्याज दर की तुलना करें: विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ब्याज दरें अलग-अलग होती हैं, इसलिए बेहतर सौदा पाने के लिए इनकी तुलना जरूर करें।


2. प्रोसेसिंग फीस: बैंक कई बार प्रोसेसिंग फीस चार्ज करते हैं। इस फीस का भी ध्यान रखें ताकि आपको सही लागत का अंदाजा हो।


3. लोन राशि की सीमा: आमतौर पर बैंक म्यूचुअल फंड्स के कुल मूल्य का 50-70% तक लोन देते हैं। इसलिए, अधिकतम सीमा का भी ध्यान रखें।


4. सही समय पर पुनर्भुगतान: लोन को समय पर चुकाना बेहद जरूरी है ताकि आपकी म्यूचुअल फंड्स यूनिट्स पर कोई खतरा न हो और क्रेडिट स्कोर प्रभावित न हो।

म्यूचुअल फंड से कितना लोन लिया जा सकता है?

इसका अर्थ है कि ग्राहक की इक्विटी/हाइब्रिड/ईटीएफ म्यूचुअल फंड के लिए नेट एसेट वैल्यू (NAV) का 50% तक और डेट/एफएमपी म्यूचुअल फंड के लिए 75% तक उधार ले सकता है।



निष्कर्ष

LAMF (Loan Against Mutual Funds) उन लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प है जो किसी आपातकालीन जरूरत या वित्तीय लक्ष्य के लिए लोन लेना चाहते हैं, लेकिन अपने म्यूचुअल फंड्स को ख़त्म नहीं करना चाहते हैं। कम ब्याज दर, सरल प्रक्रिया और फ्लेक्सिबल पुनर्भुगतान जैसे फायदों के कारण यह सभी तरह के निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बन गया है।

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