⚠️IPv4 kya hai? जानिए इस पुराने और महत्वपूर्ण इंटरनेट प्रोटोकॉल के बारे में

आईपी ​​एड्रेस वर्जन 4 क्या है?

IPv4 kya hai

IPv4 kya hai? आजकल की डिजिटल दुनिया में इंटरनेट हमारे जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है जब हम इंटरनेट पर सर्च करते हैं या ईमेल भेजने हैं और भी तरह-तरह के काम करते हैं जिसे ऑनलाइन खरीदारी सोशल मीडिया पर टाइम स्पेंडिंग करना हम वास्तव में इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे होते हैं

लेकिन क्या आपको पता है या आपने सोचा है कि यह कभी यह कैसे संभव हो सका आईए जानते हैं आईपी वजन 4 के महत्वपूर्ण विषय के बारे में आईपी v4 प्रोटोकॉल है जो इंटरनेट पर डाटा को संचालित करने के उपयोग में किया जाता है

यह इंटरनेट प्रोटोकॉल किसी भी और आईपी का एक हिस्सा है जो कंप्यूटर नेटवर्क के लिए अपने निर्धारित स्टैंडर्ड को दिखाते हैं yah एक 32 बीट का होता है जिसे आमतौर पर दशमलव संख्या के रूप में प्रगति करते हैं जैसे 192.0.2.1 इस प्रोटोकॉल की तहत हम हर डिवाइस को एक यूनिक आईपी ऐड्रेस प्राप्त होता है जिसका उपयोग उसे डिवाइस को इंटरनेट पर उसके उपयोगी सेवाओं और संचार के लिए किया जाता है इस प्रकार जवाब वेबसाइट पर जाते हैं तो आपको डिवाइस अपने ipv4 एड्रेस के पत्ते का उपयोग कर उसे वेबसाइट से कम्युनिकेट करता है

जिससे आपको जानकारी प्राप्त होती है हालांकि आईपीवी 4 का एक समस्या है उसकी सीमित ऐड्रेसप्रोटोकॉल है इसका मतलब यह है कि ipv4 एड्रेस की संख्या सीमित है और जब यह संख्या पूरी तरह से कम हो जाती है तो नई डिवाइस को उपयोग करने के लिए एड्रेस उपलब्ध नहीं होते हैं

इस समस्या का हाल आईपीवी वर्जन 6 में दिया गया है जो एक बड़े एड्रेस का फॉर्मेट प्रदान करता है जिसमें 128 बीट एड्रेस का उपयोग किया जाता है ipv6 एक नए और आधुनिक वीरताशील आईपी एड्रेस के साथ इस समस्या को हल करता है तथा इंटरनेट के और अधिक विस्तार को संभव बनाता है

ipv4 kya hota hai in hindi

ipv4 एक पुराना लेकिन महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल है जो हमें इंटरनेट पर सहज रूप से आनंद लेने में मदद करता है और जब आप इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं तो इससे पहले की एक आईपी एड्रेस क्रिएट किया गया हो आपके इस सिस्टम के द्वारा इसके थ्रू डाटा पैकेट के साथ आपको या वेबसाइट और पेज तथा टेक्स्ट और सभी चीज मिलाकर के एक जानकारी आप तक पहुंच रही है

इंटरनेट की दुनिया में ipv4 एक महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल है इसका उपयोग डाटा संचार के लिए किया जाता है इस प्रोटोकॉल के द्वारा हम हर डिवाइस को एक अपनी अलग एड्रेस का पहचान से जाने जाते हैं इसका उपयोग उसे डिवाइस को इंटरनेट के संचार तथा अन्य कामों के लिए किया जाता है यह एक पुराना प्रोटोकॉल होने के बावजूद अभी भी बहु व्यापक रूप में प्रयोग में है

ipv4 ka full form-

IPv4 का पूरा नाम “इंटरनेट प्रोटोकॉल संस्करण 4” है। internet protocol version 4

ipv4 ka size kya hai

आईपीवी का साइज 32 बीट का होता है जिसमें कुल 4,294,967,296 एड्रेस पॉसिबल होते हैं
IPv4 और IPv6 में क्या अंतर है?
ऊपर दिए गए मुख्य जानकारी को आप पढ़े तो आपको पता चल गया होगा कि ipv4 और ipv6 क्या-क्या है तथा अतः हम यहां भी बता रहे हैं कि ipv4 और ipv6 में क्या अंतर है ipv4 और ipv6 दोनों ही इंटरनेट प्रोटोकॉल है लेकिन उसमें कई अंतर है ipv4 32 बीट का एड्रेस उपयोग करता है जबकि ipv6 128 बीट एड्रेस का उपयोग करता है ipv6 में अधिक से अधिक एड्रेस का प्रदान किया जाता है जो इस विषय आईपीवी 4 की तुलना में अधिक विस्तार से बनाया गया है

ipv4 पता किससे बनता है?

ipv4 कैसे लिखा जाता है? Ipv4 एड्रेस चार अंको की दशमलव संख्याओं की एक सारणी होती है जो अलग-अलग नेटवर्क यानी विभिन्न नेटवर्क और सब नेटवर्क को पहचानने के लिए उपयोग किया जाता है

ipv4 की सीमाएं क्या हैं?

इसकी एक प्रमुख सीमाएं होती है उसकी संख्याएं हैं जो केवल इस संख्या तक है इसका अर्थ है कि कुछ समय बाद जनसंख्या समाप्त हो जाएगी और नए डिवाइस को इंटरनेट से कनेक्ट करने के लिए पेट उपलब्ध नहीं हो पाएंगे इसीलिए ipv4 के जगह ipv6 नए वर्जन के रूप में उपलब्ध हुए हैं क्योंकि बढ़ाते हुए इंटरनेट की दुनिया में अधिक से अधिक ऐड्रेस उपलब्ध होने जरूरी है

ipv4 क्यों बनाया गया था?

यह वर्जन इंटरनेट के शुरुआती दिनों में विकसित किया गया था जबकि तकनीकी और नेटवर्क डिपेंडेंट योजनाओं को लागू करने के लिए इसका मुख्य उद्देश्य यह था कि सभी डिवीजन को एक विशिष्ट पर एड्रेस प्रदान करना है और इंटरनेट के संचार को सुलभ और सुनिश्चित करना है इस प्रकार ipv4 एक महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल है जो इंटरनेट के कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है हालांकि इसकी सीमाएं समाप्त हो रही है जैसे कि हमने आपको बताया है किया अपने इमिटेशन के दायरे में आती है जहां जब जहां तक ipv6 जैसे उन्नत प्रोटोकॉल का उपयोग अब किया जाने लगा है

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